Thursday, November 24, 2011

आज़ादी इनकी नज़रों में


     आप अपने देश की आज़ादी का मजाक क्यों  उड़ा हो ??

भिखारी बोला -
                बेटे , मेरे पास तुम्हारे सारे प्रश्नों का हल है ,
                सामने फुटपाथ पर एक नल है ,,
                जिसमे  नहाकर मै रोज़ सुबह भीख मागने जाता हूँ ,
                अपनी  अंतर्व्यथा संवेदन हीन  समाज को सुनाता हूँ |
                कभी कम भीख  मिलती है ,कभी मेरे अधरों पर मुस्कान खिल जाती है ,
                जिस दिन मुझे मेरे निर्वाह के लिये पर्याप्त भीख मिल जाती है ,,
               और मेरा बेटा भर -पेट खाना -खाकर चैन की नीद सोता है ,
               वही दिन हम भिखारियों का स्वाधीनता दिवस होता है ||||
उसकी बातों ने मुझे आज़ादी के जश्न से दूर  सा    कर  दिया ,
पंद्रह अगस्त की समीक्षा करने पर मजबूर सा कर दिया |
लगा  आजकल हर-तरफ अराजकता का शंख नाद है ,
 पता नही लोगों को क्यों लगता है ,भारत आजाद है ?
गाँधी वाले युग को देखकर हमारा साहस छूटता था ,
तब कोई विदेशी आकर हमारे देश की आवरू को लूटता था |
आजकल फिर वही पुराने अंकुर फूट रहे हैं ,
आज़ादी के पहले विदेशियों ने लूटा ,और अब हमारे अपने हमारे देश को लूट रहे हैं ||

Monday, May 9, 2011

इतने सालों बाद जब वो दिखे मुझे उन सूनसान सड़को पर ,,,
यूँ लगा फिर लौट आई जान उन सूनसान सड़को पर /
उनसे मुलाकात करू चाह मन में जग उठीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैंने सोचा ऊपर वाला फिर लेगा मेरे सब्र का इन्तिहान इन्ही सड़को पर I
पर न तुमने पलट के देखा मेरी तरफ ... न ही तुम्हारे लबों पर मुस्कान खिली ....
तुम रूठ गयी हो शायद ये फरमान मिला मुझे उन सूनसान सड़को पर IIIIIIII
तुम्हारी आँखे ने मुझे दे दी थी इजाजत..... इजहारे -इश्क करने को ,,,,,
पर होठ कायर थे ,, जो बयाँ न कर सके हाल -ए - दिल ,,
और टूट के बिखर गए मेरे सरे अरमान उन्ही सूनसान सड़को पर IIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIII

Wednesday, April 6, 2011

अपनों का साथ ................

अपनों का साथ हमारा आत्मविश्वास बढाता है ,,,,,,
अपनों का साथ हमारे भीतर छिपी उम्मीदों को जगाता है /
अपनों का साथ हमारे जीवन में खुशियों को चुन-चुन कर
उन्हें फूलों के गुलदस्तो की तरह महकता है .........../
अपनों का साथ राह के पड़े हम जैसे पत्थरों को
कोहिनूर की तरह चमकता है,,,,,/
इसीलिए बिना अपनों के
ये जिन्दगी अधूरी है,,,,,,,,,,,,,,,,,
अगर जीवन में कुछ पाना चाहते हो तो ,,
अपनों का साथ होना बेहद जरुरी है .........../

.

Monday, March 14, 2011

तुम कहोगी तो

तुम कहोगे , तो मुस्कुरायेगे,
तुम करोगे, तो याद आयेगे............
दिल में चाहत के कुछ तराने हैं ,
तुम कहोगे तो गुनगुनाएगे...................
तेरी मर्जी से जी रहे है हम
तुम कहोगी तो मर भी जायेगे.........................

Sunday, March 13, 2011

हाल -ए दिल

१.मुझे देखकर तुम जब यूँ मुस्कुराती हो
मै सोचता हूँ पता नही तुम मुझे देखकर मुस्कुरा रही हो
या फिर तुम्हें आदत है मुस्कुराने की,,,,,,,,,,,,
तुमसे अपना हाल - ऐ-दिल कह सके
लबो में हिम्मत कहा इतनी,
तुम्हे देखकर दिल ने सिर्फ चाहत की है,
तुम्हे पाने की................
मेरी फितरत है की मै जी भर के निहारु तुझको
पर पता नही क्यों इतनी जल्दी रहती है , तुझे घर जाने की..............
बिन तेरे अब तो अखरता है हर मंजर , हर लम्हा मुझको
इसलिए मैंने जुर्रत की है तेरी तस्वीर मेरे दिल में बसाने की....................
जब से देखा है तुझे भूल गया हूँ,,,कि मेरा भी बजूद है कुछ,,,,,,,,,
अब तो बस आदत सी हो गयी है ,खुद को भूल जाने की...............................